AI बनाम Domain Industry: एक डिजिटल क्रांति जो सब कुछ बदल सकती है


भूमिका:-

 जब प्रश्नों के उत्तर अब वेबसाइटों में नहीं, एआई के होंठों पर हों

इंटरनेट की दुनिया एक अभूतपूर्व परिवर्तन के दौर से गुज़र रही है। वह दौर जब हम हर जानकारी के लिए गूगल पर भरोसा करते थे, अब धीरे-धीरे अपनी चमक खो रहा है। अब गूगल की जगह ले रहे हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स — ChatGPT, Gemini, Claude, Perplexity जैसे संवादात्मक सहायक, जो न केवल जवाब देते हैं बल्कि आपके सन्देहों को आपकी ज़बान में, आपकी ज़रूरतों के मुताबिक समझकर सुलझाते हैं।


Andrew Allemann द्वारा Domain Name Wire पर लिखे गए एक विचारोत्तेजक लेख के अनुसार, यह बदलाव डोमेन नामों की मांग पर गहरा असर डाल सकता है। आइए समझते हैं कि कैसे यह परिवर्तन न केवल इंटरनेट यूज़र के व्यवहार को बदल रहा है, बल्कि डिजिटल इंडस्ट्री की नींव — डोमेन इंडस्ट्री — को भी चुनौती दे रहा है।


1. खोज की परिभाषा बदल रही है — और वेबसाइटें गुमनाम होती जा रही हैं

पहले यदि किसी को किसी विषय पर जानकारी चाहिए होती, तो सबसे पहले गूगल पर जाया जाता। सर्च किया जाता, फिर सर्च रिज़ल्ट्स में से वेबसाइट्स पर क्लिक कर-करके जानकारी इकट्ठा की जाती। लेकिन अब — जैसे-जैसे ChatGPT जैसे टूल्स सहज, सटीक और संदर्भपरक उत्तर देने लगे हैं — यह यात्रा एक वाक्य में पूरी हो जाती है।

अब प्रश्न है: जब जवाब ChatGPT दे रहा है, तो वेबसाइट खोलने की ज़रूरत ही क्यों?

इसका सीधा असर वेबसाइट ट्रैफिक पर पड़ रहा है। विशेष रूप से उन साइट्स पर, जो केवल गूगल से आने वाले विज़िटर्स पर निर्भर थीं — जैसे कि comparison sites, affiliate blogs, या tools-based वेबसाइटें। जब विज़िटर ही न आएँ, तो वेबसाइट का होना या न होना बराबर।


2. ऑनलाइन टूल्स, रिव्यू साइट्स और यूटिलिटीज को एआई धीरे-धीरे विस्थापित कर रहा है

AI अब केवल सवालों के जवाब देने तक सीमित नहीं है। यह अब image compression, text summarization, graphic design, और यहां तक कि ब्लॉग इमेज जनरेशन जैसे कार्य भी कर रहा है — जिनके लिए पहले अलग-अलग वेबसाइट्स और टूल्स इस्तेमाल किए जाते थे।

Andrew उदाहरण देते हैं कि वे पहले एक वेबसाइट पर जाकर इमेज कंप्रेस करते थे — जो ads से कमाई करती थी — अब वही काम ChatGPT से कर लेते हैं। ऐसी यूटिलिटी वेबसाइट्स का अस्तित्व अब दांव पर है।


3. व्यक्तिगत उत्तर: AI की वह खूबी जो वेबसाइट्स नहीं दे सकतीं

AI की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह संवाद कर सकता है — आपकी भाषा में, आपके संदर्भ में। यदि आप अपनी टेबल की साइज, कमरे की रौशनी, और कैमरे की पोज़िशन के अनुसार वेबकैम सेटअप पूछें — ChatGPT आपके संदर्भ में जवाब देगा। कोई वेबसाइट ऐसा नहीं कर सकती, क्योंकि हर वेबसाइट जनरलाइज़्ड होती है।

यही कारण है कि अब लोग गूगल के बजाय सीधे AI टूल्स पर जा रहे हैं।


4. ब्रांडेड वेबसाइट्स और भरोसेमंद नाम ही अब बच पाएंगे

ऐसे समय में सिर्फ वही वेबसाइट्स टिक पाएंगी, जिनकी पहचान ब्रांड के तौर पर है — जिन पर लोगों का भरोसा है, और जिनकी वापसी पाठक बार-बार करते हैं।

उदाहरणस्वरूप, Wirecutter (NYT द्वारा संचालित) एक ऐसा नाम है जिस पर लोग भरोसा करते हैं। Andrew कहते हैं कि AI से प्रारंभिक जानकारी लेने के बाद वे Wirecutter ही गए — क्योंकि वहां की समीक्षा निष्पक्ष और उच्च स्तर की होती है।

Domain Name Wire जैसी इंडस्ट्री-स्पेसिफिक वेबसाइट्स जिनके पास वफादार पाठकों का आधार है, वे भी इस परिवर्तन से कम प्रभावित होंगी।


5. डोमेन इंडस्ट्री पर प्रभाव: घटती मांग, नए ख़तरे

यह सवाल अब बेहद गंभीर हो चला है — जब वेबसाइट्स कम बनेंगी, तो डोमेन नाम कौन खरीदेगा?

AI-टूल्स के चलते अब न तो उतनी comparison websites बनेंगी, न affiliate blogs, न tools-based platforms। नए स्टार्टअप्स के लिए भी चुनौती है — यदि वे गूगल से खोजे ही नहीं जा सकते, तो उनका डोमेन नाम कैसे लोकप्रिय होगा?

कम वेबसाइट्स = कम डोमेन रजिस्ट्रेशन = घटती डोमेन इंडस्ट्री की ग्रोथ

हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि डोमेन नाम अप्रासंगिक हो जाएंगे। लेकिन यह ज़रूर है कि भविष्य में डोमेन इंडस्ट्री की ग्रोथ का दायरा सीमित हो सकता है — विशेष रूप से long-tail और micro niches में।


6. नए परिदृश्य में टिकने के लिए क्या करना होगा?

  • ब्रांड बिल्डिंग: अब वेबसाइट्स को ब्रांड की तरह सोचना होगा। बिना भरोसे के केवल SEO पर जिंदा रहना अब मुमकिन नहीं।

  • AI-टूल्स के साथ इंटीग्रेशन: वेबसाइट्स को अपनी सामग्री इस तरह बनानी होगी कि वे AI टूल्स द्वारा आसानी से पढ़ी और उद्धृत की जा सकें।

  • विशेषीकृत कंटेंट: Generic content अब नहीं चलेगी। Hyper-niche, human-touch, विशेषज्ञता आधारित सामग्री ही भविष्य है।

  • एंगेजमेंट और कम्युनिटी: पाठकों से संवाद बनाए रखना — सोशल मीडिया, न्यूज़लेटर्स और मोबाइल ऐप्स के ज़रिए — पहले से अधिक आवश्यक हो गया है।


निष्कर्ष: क्या डोमेन का भविष्य अंधकारमय है?

नहीं, लेकिन सरल नहीं

AI की तेज़ी से बढ़ती क्षमताएं न केवल खोज की प्रक्रिया को बदल रही हैं, बल्कि वेबसाइट्स और डोमेन इंडस्ट्री की संरचना को भी झकझोर रही हैं। जो लोग समय रहते अपने ब्रांड को मज़बूत करेंगे, मानव-केंद्रित और उपयोगी सामग्री देंगे, वे न केवल अस्तित्व में रहेंगे, बल्कि आगे भी बढ़ेंगे।ये भी पढ़ें 

बाकी के लिए यह परिवर्तन विनाशकारी भी हो सकता है।

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Z S RAZZAQI

I am Z.S. Razzaqi, a digital marketing entrepreneur with expertise in domaining, content writing, graphics designing, blogging, and web development. I specialize in building and optimizing online presences, creating compelling content, and designing visually impactful graphics. My passion for innovation drives me to deliver comprehensive digital solutions that achieve results.

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