डोमेन उद्योग, जिसे हम अपेक्षाकृत नया मानते हैं, वास्तव में चार दशकों से मौजूद है। Domain Name System (DNS), जिस पर यह उद्योग आधारित है, ने समय की कसौटी पर खरा उतरते हुए आज 360 मिलियन से अधिक पंजीकृत डोमेन प्रदान किए हैं। डोमेन के निर्माण, विकास, खरीद-फरोख्त, लीज़िंग और मोनेटाइज़ेशन ने इस उद्योग को एक समृद्ध व्यवसाय में तब्दील किया है। हालाँकि, तकनीकी प्रगति के चलते अब एक नई चुनौती और अवसर सामने है: वेब3 आधारित ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी।
वेब2 और वेब3 के बीच मुख्य अंतर DNS और ब्लॉकचेन पर आधारित डोमेन सिस्टम में है। वेब2 डोमेन, जो ICANN और विभिन्न ccTLD (Country Code Top Level Domains) द्वारा प्रबंधित हैं, इंटरनेट की वर्तमान संरचना का आधार हैं। वहीं, वेब3 डोमेन एक विकेंद्रीकृत ब्लॉकचेन पर चलते हैं, जिसमें कई नई क्षमताएँ हैं। लेकिन इन दोनों प्रणालियों के बीच एक बड़ी समस्या है: ये एक-दूसरे के साथ संगत नहीं हैं।
वेब3 डोमेन का सीमित उपयोग और संभावनाएँ
वेब3 डोमेन, जैसे कि .ape और अन्य, अभी भी ब्राउज़रों में नatively resolve नहीं होते हैं। इसका अर्थ है कि वे उपयोगिता में सीमित हैं और इसलिए वेब2 उद्योग के पेशेवरों के लिए कम आकर्षक हैं। लेकिन अगर किसी प्रकार वेब2 और वेब3 के बीच तालमेल स्थापित किया जा सके, तो इससे डोमेन उद्योग में क्रांति आ सकती है।
इस तालमेल का मतलब होगा कि उपयोगकर्ता वेब3 डोमेन की आकर्षक विशेषताओं जैसे कि "लाइफटाइम डोमेन ओनरशिप" (जिसमें रिन्यूअल फीस की आवश्यकता नहीं होती) का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, अब तक अधिकांश वेब2 डोमेन उद्योग ने इस दिशा में गंभीर रुचि नहीं दिखाई है।
D3: वेब2 और वेब3 के बीच पुल का निर्माण
D3 नामक एक नई कंपनी, जिसे फाउंडर और CEO Fred Hsu और सह-संस्थापक Paul Stahura ने शुरू किया है, इस चुनौती को स्वीकार करते हुए वेब2 और वेब3 के डोमेन को एक साथ लाने की दिशा में काम कर रही है। Fred Hsu और Paul Stahura डोमेन उद्योग के अनुभवी और सफल पेशेवर हैं।
Fred Hsu का डोमेन उद्योग में सफर 1990 के दशक में शुरू हुआ था। Oversee.net के सह-संस्थापक और मुख्य तकनीकी अधिकारी के रूप में उन्होंने डोमेन ब्रोकरेज, वेब होस्टिंग और विज्ञापन सेवाओं में अग्रणी भूमिका निभाई। दूसरी ओर, Paul Stahura ने Enom और IdentityDigital जैसी कंपनियों की स्थापना की, जो आज डोमेन उद्योग के अग्रणी नाम हैं।
D3 का उद्देश्य डोमेन उद्योग में एक नई प्रणाली, जिसे "DomainFi" कहा गया है, को लागू करना है। इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य सभी डोमेन को टोकनाइज़ करना है, जिससे उन्हें एक वित्तीय संपत्ति के रूप में देखा जा सके।
D3 की रणनीति और फायदे
Fred Hsu के अनुसार, "आज डोमेन उद्योग कई समस्याओं से जूझ रहा है। इनमें शामिल हैं:
- स्वामित्व की कमी: वर्तमान प्रणाली में डोमेन रजिस्ट्रेशन और स्वामित्व सेंट्रलाइज्ड रजिस्ट्रार और गवर्निंग बॉडी के नियंत्रण में है।
- उच्च शुल्क: ब्रोकरेज कंपनियाँ लेनदेन पर 20-30% तक कमीशन लेती हैं।
- धीमी प्रक्रियाएँ: डोमेन खरीदने, बेचने और ट्रांसफर करने की प्रक्रिया धीमी और जटिल है।
- डेटा का विखंडन: मूल्यांकन में असंगतता और डेटा साइलो वर्तमान बाजार को जटिल बनाते हैं।
D3 की तकनीक इन समस्याओं का समाधान वेब3 की मदद से करती है। वेब3 प्रणाली में:
- लेन-देन कम शुल्क पर होते हैं।
- स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स की मदद से ट्रांसफर तेज़, सुरक्षित और स्वचालित होते हैं।
- टोकनाइज़ेशन के ज़रिए डोमेन को वित्तीय उत्पादों में बदलने की क्षमता मिलती है।
D3 की "DomainFi" प्रणाली डोमेन स्वामित्व को आधुनिक बनाने, मोनेटाइजेशन को बढ़ावा देने और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है।
वेब2 और वेब3 के बीच इंटरऑपरेबिलिटी
D3 की योजना के अनुसार, वेब3 TLDs, जैसे .ape, को वेब2 इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करने योग्य बनाया जाएगा। यह D3 की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। Fred Hsu के अनुसार, D3 ने ApeCoin, Shiba Inu, NEAR Protocol और Core DAO जैसे शीर्ष वेब3 इकोसिस्टम के साथ साझेदारी की है।
टोकनाइज़ेशन का महत्त्व
D3 के अनुसार, टोकनाइज़ेशन के माध्यम से डोमेन वित्तीय परिसंपत्ति बन सकते हैं। ये परिसंपत्तियाँ जल्दी ट्रांसफर, ट्रेड और वित्तीय बाजारों में उपयोग हो सकती हैं। D3 के उत्पाद और कार्यक्रम डोमेन मालिकों को उनके पोर्टफोलियो को टोकनाइज़ करने में मदद करेंगे, जिससे नए विकास के अवसर मिलेंगे।
D3 का डोमिनियन 2025 सम्मेलन
D3 का पहला बड़ा सम्मेलन "Dominion 2025" इस महीने 29 और 30 जनवरी को लास वेगास के रिसॉर्ट्स वर्ल्ड में आयोजित होगा। यह सम्मेलन वेब2 और वेब3 के विशेषज्ञों को एक साथ लाने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।
Fred Hsu और Paul Stahura जैसे डोमेन उद्योग के दिग्गजों द्वारा उठाया गया यह कदम निश्चित रूप से डोमेन उद्योग के भविष्य को पुनर्परिभाषित कर सकता है। इस दिशा में उनकी पहल केवल एक तकनीकी नवाचार नहीं बल्कि एक नई डिजिटल अर्थव्यवस्था की नींव रखने की कोशिश है।ये भी पढ़ें
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